गौरतलब है कि पंजाब के कुछ जिलों में पवित्र ग्रंथ के पन्ने फाड़े जाने की घटनाएं सामने आई जिसके बाद विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में कुछ लोगों की मौत भी हो गई। जिसके बाद से पंजाब के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन होने लगा। राज्य सरकार ने इसके लिए पंजाब के बाहरी लोगों को जिम्मेवार बताया और कहा कि राज्य में अशांति फैलाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
एजेंसी की खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार पंजाब आने वाले केजरीवाल ने संवाददाताओं को बताया, यह दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है। एेसा लगता है कि यह उन लोगों द्वारा जानबूझकर किया गया जो राज्य में शांति भंग करना चाहते हैं। केजरीवाल यहां पवित्र ग्रंथ का अपमान किए जाने के विरोध में फरीदकोट में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गये दो सिखों के परिवार वालोें से मुलाकात करेंगे।
आप नेता ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि पवित्र ग्रंथ के अपमान संबंधी कृत्यों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर बलप्रयोग करना गलत था। केजरीवाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथों के अपमान की घटनाओं के पीछे वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है। उन्होंने कहा कि किसी भी निदोऱ्ष व्यक्ति को झूठे मामलों में नहीं फंसाया जाना चाहिए। उन्होंने और अधिक सवालों का जबाव देने से इंकार करते हुए कहा कि वह पंजाब में शांति के लिए प्रार्थना करने यहां आए हैं।