देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे आंकड़ों को लेकर राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कहा है कि कोरोना को मात देने से जुड़े विभिन्न एजेंसियों के राहत प्रयासों और कार्यप्रणाली में वह मदद करेगी। इस बाबत एनसीसी ने अपने कैंडेटों के अस्थायी रोजगार को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा, "एनसीसी ने 'एक्सरसाइज एनसीसी योगदान' के तहत कैडेटों की सेवाओं का विस्तार करके देश के आम अधिकारियों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद करने की पेशकश की है।" एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब तक लगभग 47 हजार वरिष्ठ एनसीसी कैडेटों ने पैन-इंडिया की सेवा के लिए स्वेच्छा से आए हैं।
बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1965 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 55 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, पूरी दुनिया में 8 लाख से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इन कार्यों में देंगे योगदान
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि एनसीसी ने अपने कैडेटों के अस्थायी रोजगार के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि वे महामारी से निपटने में शामिल विभिन्न एजेंसियों के राहत प्रयासों और कार्यप्रणाली में मदद कर सकें। एनसीसी कैडेटों के लिए हेल्पलाइन या कॉल सेंटर, राहत सामग्री, दवाएं, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण, सामुदायिक सहायता, डेटा और यातायात प्रबंधन आदि कार्यों को शामिल किया गया है। जारी दिशानिर्देश के मुताबिक इन कैडेटों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, और अस्पताल कार्यों के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा।
18 वर्ष से अधिक आयु के होंगे कार्यरत
जारी गाइडलाइन के मुताबिक 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वयंसेवक कैडेट ही कार्यरत होंगे। मंत्रालय ने कहा है कि सभी को स्थायी प्रशिक्षक स्टाफ या सहयोगी एनसीसी अधिकारी की देखरेख में 8 से 20 कैडेट छोटे-छोटे समूहों में नियोजित किए जाएंगे।
मंत्रालय के अधीन होता है संचालित
गौरतलब है कि एनसीसी रक्षा मंत्रालय के तहत संचालित होता है। जिसमें देश के सबसे ज्यादा वर्दीधारी युवा संगठन है और विभिन्न सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास गतिविधियों के संचालन में लगे हुए हैं। इससे पहले भी एनसीसी कैडेट बाढ़, चक्रवात आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपना योगदान देते रहे हैं।