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आजाद हिंद फौज के आखिरी सिपाही डैनियल काले का निधन

आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।
आजाद हिंद फौज के आखिरी सिपाही डैनियल काले का निधन

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की सुबह आठ बजे काले का निधन हुआ जहां वह खराब स्वास्थ्य के कारण पिछले कुछ दिनों से भर्ती थे। उनकी उम्र 95 वर्ष थी। काले की अंतिम दिनों में देखभाल अशोक रोकाडे कर रहे थे जिन्होंने लोगों की सेवा के लिए व्हाइट आर्मी की स्थापना की है। रोकाडे ने बताया कि काले का अंतिम संस्कार कल शाम कदमवाड़ी शवदाह गृह में किया गया। उन्होंने कहा कि 1947 में देश की स्वतंत्रता के बाद काले कोल्हापुर लौट आए थे और वहीं बस गए। उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्षों में खराब हो गया खासकर उनकी पत्नी श्यामला का एक दशक पहले निधन होने के बाद। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों से हम उनकी देखभाल कर रहे थे।

बताया जाता है कि काले सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित फौज के अंतिम जीवित सिपाही थे। कोल्हापुर जिले के पन्हाला तहसील में सितंबर 1920 में जन्मे काले 1942 में रासबिहारी बोस इंडियन इंडिपेंडेंस लीग में शामिल हुए थे। यह लीग बाद में आजाद हिंद फौज में शामिल हो गई थी जिसने काले को भारत-बर्मा की सीमा पर तैनात किया। रोकाडे ने बताया कि काले फौज के गुप्तचर सेवा समूह का हिस्सा थे जो खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करता था और फौज के नेतृत्व को भेजता था।

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