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भारत माता की जय को लेकर लाखों के शीश कलम कर दिये गये होते- रामदेव

भारत माता की जय विवाद को हवा देते हुए योग गुरू रामदेव ने कहा है कि वह देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं नहीं तो इस नारे का विरोध करने वाले लाखों लोगों के शीश कलम कर दिये गये होते। उनके इस बयान की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है।
भारत माता की जय को लेकर लाखों के शीश कलम कर दिये गये होते- रामदेव

कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने इस बयान को हिंसक कृत्य एवं सार्वजनिक धमकी करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उधर माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह जानबूझ ध्यान बंटाने की रणनीति है ताकि लोगों विशेषकर किसानों के समक्ष आ रही समस्याओं से ध्यान हटाया जा सके। योग गुरू की यह टिप्पणी एमआईएमआईएम प्रमुख असादुदीन ओवैसी की उस हालिया टिप्प्णी की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें कहा गया था कि अगर उनकी गर्दन पर कोई चाकू भी रख दे तो भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे।

उन्होंने ओवैसी का नाम लिये बिना उन पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, कोई आदमी टोपी पहनकर खड़ा हो जाता है, बोलता है भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, चाहे मेरी गर्दन काट दो। अरे इस देश में कानून है, नहीं तो तेरी एक की क्या, हम तो लाखों की गर्दन काट सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून का शासन है तथा वह इस देश के संविधान का सम्मान करते हैं। स्वामी रामदेव ने कहा, हम इस देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं। नहीं तो कोई भारत माता का अपमान करे, एक नहीं हजारो, लाखों का शीश कलम करने का सामर्थ्य रखते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत माता की जय बोलना देश और मातृभूमि के प्रति नागरिकों की निष्ठा की पुष्टि करता है और जो मजहब इसके खिलाफ कहता है, वह देश के हित में नहीं है। रोहतक में कल सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगगुरू रामदेव ने कहा, कहते हैं भारत माता की जय बोलना हमारे धर्म के खिलाफ है और अगर कोई मजहब ये कहता हो कि अपनी मातृभूमि को गौरव मत दो, वो मजहब भी देश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, यह राष्ट्रीय सम्मान, गरिमा का मामला है। हम हिन्दू, सिख, मुस्लिम, ईसाई हो सकते हैं किन्तु हम पहले भारतीय है।

माकपा नेता वृंदा करात ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश को जोड़ने के बजाय तोड़ने वाले नारों का चुनिंदा इस्तेमाल करने के लिए हिन्दुत्ववादी तत्वों को वर्चुअल लाइसेंस दे दिया है। जदयू नेता पवन वर्मा ने कहा, प्रतीत होता है कि बाबा रामदेव को भाजपा एवं आरएसएस से नजदीकी होने के कारण अपनी मजबूरी की बात कहने और करने का लाइसेंस मिल गया है।

 

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