अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लगभग 28 साल तक हुए कानूनी उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है। इस फैसले के बाद विभिन्न पक्षों की ओर से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने जहां इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अदालत की तारीख का एक काला दिन करार दिया है।
इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीबीआई कोर्ट का आज का ये फैसला भारत की अदालत की तारीख का एक काला दिन है। सारी दुनिया जानती है कि बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी में विध्वंस हुआ। इसकी जड़ कांग्रेस पार्टी है, इनकी हुकूमत में मूर्तियां रखी गईं।
उन्होंने आगे कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि सीबीआई अपनी स्वतंत्रता के लिए अपील करेगा, नहीं करेगा तो मैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ज़िम्मेदारों से गुजारिश करूंगा कि वो इस फैसले के खिलाफ अपील करें।"
गौरतलब है कि विवादित बाबरी ढांचा गिराने के मामले में लखनऊ की सीबीआई विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में कोर्ट ने लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। अपने 26,000 पन्नों के फैसले में कोर्ट ने कहा है कि यह घटना पहले से पूर्व नियोजित नहीं था। जो भी घटना घटी वो आकस्मिक हुआ। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि पक्षकार मामले में साक्ष्य जुटाने में नाकाम रहें।