रेल मंत्रालय ने खर्च कटौती करने के सिलसिले को तेज करते हुए सभी 17 रेल मंडलों से करीब 11 हजार पदों को खत्म करने को कहा है। खबर है कि रेलवे बोर्ड ने इस आशय का पत्र सभी रेल प्रबंधकों को भेज दिया है। फिलहाल भारतीय रेल में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 15 लाख के करीब है और इस खबर से उनमें खलबली है। हिंदी अखबार ‘नई दुनिया’ के अनुसार, 25 मई को केंद्रीय रेलवे बोर्ड के निदेशक (ई एंड आर) अमित सरन ने इस आशय का आदेश पत्र सभी जोन मुख्यालयों को भेजा है। इससे रेल कर्मचारियों में हड़कंप है।
रेलवे का क्या कहना है?
हालांकि रेलवे प्रशासन इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है। अधिकारियों के मुताबिक रेलवे हर साल एक प्रतिशत पद समाप्त करता है। हालांकि, मौजूदा आदेश पर अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि समीक्षा के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन से अनुपयोगी पद समाप्त किए जाएंगे। अधिकारी का यह भी दावा है कि ऐसे पद समाप्त करने से रेलवे का कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कम कार्यबल में रेल संचालन के निर्देश
रेलवे बोर्ड ने रेल अफसरों को कम कार्यबल में ही रेल संचालन करने को कहा है। इस लिहाज से दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन को 400 पद समाप्त करने के लिए कहा गया है जबकि सेंट्रल और ईस्टर्न रेलवे को 1-1 हजार पद, ईस्ट कोस्ट रेलवे को 700, नॉर्दन रेलवे को 1500, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे को 150, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे को 700, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे को 300, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को 300, नॉर्थ ईस्टफ्रंटियर रेलवे को 550 पद खत्म करने को कहा गया है। इसी तरह सदर्न रेलवे को 1500, साउथ सेंट्रल रेलवे को 800, साउथ ईस्ट सेंट्रल और साउथ ईस्टर्न रेलवे को 400-400 पद, साउथ वेस्टर्न रेलवे को 200, वेस्टर्न रेलवे को 700 और वेस्ट सेंट्रल रेलवे को 300 पद समाप्त करने को कहा गया है।