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कैबिनेट विस्तार: मोदी ने लिया था टेस्ट, 10 सांसदों को छोड़ सभी फेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कैबिनेट विस्‍तार से पहले अपने मंत्रियों और सांसदों का एक स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट लिया। जिसमें पार्टी के महज दस सासंद ही 100 में 100 अंक हासिल कर सके। वोटरों की राय, संसद और मंत्रालय में कामकाज के आधार पर टेस्‍ट में ग्रेडिंग दी गई। सूत्रों के अनुसार इस टेस्‍ट के बाद ही पीएम मोदी और शाह ने योग्‍य नेताओं को मंत्री पद से नवाजा।
कैबिनेट विस्तार: मोदी ने लिया था टेस्ट, 10 सांसदों को छोड़ सभी फेल

कैबिनेट के विस्‍तार में पीएम मोदी और शाह ने पार्टी में शक्ति संतुलन के शीर्ष नेेताओं मसलन राजनाथ सिंह, सुषमा स्‍वराज, नितिन गडकरी के कामकाज मेंं बदलाव नहीं किया। जेटली से हालांकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ले लिया गया, लेकिन वह अभी भी वित्‍त मंत्री हैं। जो पार्टी में उनके शीर्ष स्‍तंंभ के रुप में बरकरार रहने की ओर इशारा कर रहा है।

अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्‍सप्रेस में छपी खबर के अनुसार वहीं मंत्रियों के विभाग में बदलाव, मंत्रियों को हटाना तथा नए मंत्रियों को शामिल करने के लिए मोदी और शाह ने बकायदा मंत्रियों और सांसदों का स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट लिया। इसके लिए एक रिसर्च टीम ने मंत्री और सांसदों के कामकाज को गहनता से जांचा। मंत्रियों ने अपने मंत्रालय  में तथा सांसदों ने संसद में कितनेे सक्रिय रहे, इसके अलावा अपने संसदीय क्षेत्र में वह कितने सक्रिय रहे। वोटरों की उनके लिए क्‍या राय रही। रिसर्च टीम ने इसेे आधार बनाकर परफार्मेंस कार्ड तैयार किया। सूत्रों के अनुसार जिसमें महज दस सांसदों काेे 100 में 100 अंक हासिल हुए। उल्‍लेखनीय है कि भाजपा के कुल 282 सांसदों में से 165 सांसद पहली बार सांसद बने हैं। इनके बारेे में आम राय है कि यह मोदी लहर की वजह से जीत कर आए हैं। लिहाजा कैबिनेट के बहाने ऐसी स्‍क्रीनिंग कर पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों और सांसदों की गहनता से छानबीन कर ली। 

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