पिछले साल एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को निधन हो गया। रविवार तड़के तबीयत बिगड़ने के बाद 84 वर्षीय स्वामी को वेंटिलेटर पर रखा गया था।
बता दें कि स्टेन स्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर 30 मई को मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके वकील ने जानकारी दी कि 4 जुलाई को उनकी सेहत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।
वहीं इससे पहले नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर स्टेन स्वामी को हर संभव मेडिकल उपचार उपलब्ध कराने के लिए कहा था। एनएचआरसी ने मांग की थी कि स्टेन स्वामी को मेडिकल केयर और उपचार प्रदान करने के लिए 'हर संभव कोशिश' की जाए।
आयोग ने मुंबई की तलोजा जेल में मेडिकल केयर से वंचित होने के आरोपों पर स्थिति रिपोर्ट भी मांगी थी। एनएचआरसी ने बताया था कि उन्हें 16 मई को एक शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया था कि स्वामी को कोविड के दौरान मेडिकल उपचार से वंचित किया जा रहा था। कमीशन ने कहा, "ये भी आरोप लगाया गया था कि उन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया था और जेल अस्पताल में उचित देखभाल नहीं थी।"
बता दें कि मूल रूप से केरल के रहने वाले फादर स्टेन स्वामी झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता थे। कई सालों से राज्य के आदिवासी और अन्य वंचित समूहों के लिए काम रहे थे।