नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी पर पीयूष गोयल की टिप्पणी पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। गोयल के बयान पर प्रियंका भी उन्हें आड़े हाथों ले चुकी हैं। अब वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि ये सरकार अमीरों की है, इसे गरीबों की चिंता नहीं है।
समय-समय पर सरकार पर निशाना साधने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपनी जेब में पैसा रख रही है, अमीरों की जेब भर रही है और इस सरकार को गरीबों से कोई लेना-देना नहीं है।
युवाओं के पास नौकरियां नहीं
सिब्बल ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ अमीरों की है और ये सरकार कभी भी न गरीबों की स्थिति नहीं समझ सकती, न उन्हें आने वाली रोजमर्रा की परेशानियां समझ सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों से पता चलता है कि 18-31 वर्ष के आयु वर्ग के ज्यादा से ज्यादा लोग मनरेगा के माध्यम से मजदूरी की मांग कर रहे हैं... इसका मतलब है इस आयु वर्ग के लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। लेकिन यह सरकार की चिंता नहीं है। यह सरकार गरीबों के बारे में नहीं सोचती है। ये लोग बस डिजिटल इकानॉमी के बारे में सोचते हैं। इस सरकार को किसानों की चिंता नहीं है। खुदरा सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। इससे महंगाई बढ़ रही है। लोगों के पास सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं और सरकार गरीबों की जेब में पैसे डालने के बजाय अमीरों की तिजोरी भर रही है।’’
बनर्जी पर किया ट्वीट
इससे पहले सुबह सिब्बल ने ट्वीट किया था, ‘‘अभिजीत (बनर्जी) वामपंथ में यकीन रखते हैं, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या यह अपराध है? गरीबों पर भी ध्यान देने की जरूरत है जो हमारी सरकार का काम है। कॉरपोरेट्स के लिए टैक्स कट अच्छी खबर है। अब उनके हाथ में ज्यादा पैसा होगा। गरीब आदमी मंत्री से पूछता है, आपको क्या लगता है, हम कहां खड़े हैं? गरीब अकेले और लावारिस हैं।’’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए बधाई दी थी, लेकिन उनकी साथ में यह भी जोड़ दिया था कि वह ‘‘वामपंथी झुकाव वाले’’ हैं और देश के लोगों ने उनकी सोच को ‘‘पूरी तरह खारिज कर दिया’’ था।
गोयल ने पुण में कहा था, ‘मैं नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए अभिजीत बनर्जी को बधाई देता हूं। लेकिन आप सभी उनकी सोच के बारे में जानते हैं। उनकी सोच वाम-झुकाव वाली है। उन्होंने न्याय योजना की प्रशंसा की थी लेकिन भारत के लोगों ने उनकी सोच को पूरी तरह से खारिज कर दिया था।