भाजपा शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री अपने अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करके जनता को बड़ी राहत दे सकते हैं। दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की ओर से राज्य सरकारों को कहा गया है कि वे ईंधनों पर लगने वाले वैट में पांच प्रतिशत की कटौती करे। इसके बाद माना जा रहा है कि भाजपा शासित राज्य इसपर जल्द ही अमल कर सकते हैं।
दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों से अपील की है कि वे पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर या वैट में कटौती करें। तीन दिवसीय यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे वित्त मंत्री ने कहा कि वैट में कटौती करने से आम उपभोक्ताओं को ईंधन की ऊंची कीमतों से राहत मिलेगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जेटली ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से राहत देने तथा उपभोक्ताओं के हाथों में और धन उपलब्ध करवाने के लिए किया गया। बता दें कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि अब यह राज्य सरकारों के ऊपर है कि क्या वे बिक्री कर या वैट में कटौती के मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि खासकर केरल और दिल्ली सहित कुछ राज्य सरकारें शुल्कों में कटौती की मांग करती रही हैं। इसलिए राज्य सरकारों को अपने खुद के वैट संग्रहण पर विचार करना चाहिए।
वहीं नई दिल्ली में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राज्यों को पेट्रोल व डीजल पर बिक्री कर में पांच प्रतिशत तक की कटौती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेटली शीघ्र ही इस मुद्दे पर सभी राज्यों को लिखेंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने बहुत दिनों के बाद एक्साइज ड्यूटी घटाई है, जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पेट्रोल व डीजल की कीमत भी कम हो सकती है। सरकार के इस फैसले से आम जनता के साथ-साथ तेल कंपनियों को भी राहत पहुंच सकती है।