Advertisement

धर्मादेश में बोले संत, ‘राम मंदिर पर कोई समझौता नहीं, कानून बनाए या अध्यादेश लाए सरकार’

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई टालने के बाद इसे लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। एक...
धर्मादेश में बोले संत, ‘राम मंदिर पर कोई समझौता नहीं, कानून बनाए या अध्यादेश लाए सरकार’

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई टालने के बाद इसे लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। एक ओर संत समाज दिल्ली में धर्मादेश आयोजित कर मोदी सरकार पर अध्यादेश का दबाव बना रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष हमला कर रहा है कि 2019 के चुनाव को देखते हुए भाजपा मंदिर मुद्दा उठा रही है। इस बीच रविवार को धर्मादेश में पहुंचे संतों ने सरकार से मांग की है कि वे किसी भी तरह से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराए।

दो दिन से जारी इस सम्मेलन में संतों ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके लिए कानून बनाने की जरूरत हो या अध्यादेश लाने की, सरकार को आगे बढ़ना चाहिए और इस मसले पर संत समाज इससे नीचे किसी बात पर समझौता नहीं करेगा।

तालकटोरा में दो दिन तक चले इस सम्मेलन में देश भर से 127 संप्रदायों के 3000 से ज्यादा साधु-संतों ने हिस्सा लिया। धर्मादेश नामक इस सम्मेलन में सबरीमाला और अयोध्या के राम मंदिर को लेकर संतों द्वारा चर्चा की गई। आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर सबरीमाला में जारी गतिरोध पर कहा, “हम सब सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। 41 दिन का व्रत करके ही सबरीमला जाया जा सकता है, ये सालों से चल रहा है। हमारे यहां सूतक, मासिक धर्म में मंदिर नहीँ जाते, जैसे मुस्लिम लोग बिना सीला हुआ कपडा पहनकर हज पर जाते हैं। हमें उम्मीद है की सुप्रीम कोर्ट जनभावना को ध्यान में रखकर समीक्षा करेगा।“

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट पर कर्तव्य की अव्हेलना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा “सुप्रीम कोर्ट में अपील के चलते चलते केंद्र सरकार अगर चाहे तो कानून बना कर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।“

धर्मादेश को लेकर जगतगुरू रामानंदचार्य ने कहा कि 5000 हजार साल में पहली बार संत समाज धर्मादेश दे रहा है, इससे पहले जब शंकराचार्य द्वारा ध्रमादेश देने की कोशिश की गई थी तो उन्हें जेल में डाल दिया गया था।

इस सम्मेलन में पहले दिन राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख राम विलास वेदांती ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण दिसम्बर में शुरू हो जाएगा। वेदांती ने आगे कहा कि राम मंदिर का निर्माण बिना किसी अध्यादेश के आपसी सहमति से अयोध्या में किया जाएगा जबकि मस्जिद लखनऊ में बनाई जाएगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad