केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान- तीन देशों से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन देने की मांग की हैं। देश में ये शरणार्थी लंबे समय से रह रहे हैं। गुजरात, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और हरियाण के 13 जिलों में ये सभी रह रहे हैं। हालांकि, 2019 में सरकार की ओर से पास किए गए सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के तहत नियमों को अब तक तैयार नहीं किया गया है।
इन शर्णार्थियों के भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इन्हें नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन देना होगा। सीएए के अनुसार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए ऐसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके हैं।
केंद्र सरकार ने साल 2019 में नागरिकता संशोधन कानून बनाया था, जिसके बाद देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुआ था। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी हिंसा हुई थी। पुलिस प्रशासन द्वारा कैंपस के भीतर घुसकर छात्रों को पीटने का आरोप भी लगा था। वहीं, लाइब्रेरी के भीतर भी सुरक्षा बलों द्वारा बर्बरता की तस्वीर सामने आई थी।
साल 2020 के फरवरी महीने में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भी जानलेवा हिंसा हुई थी। इसमें 50 से अधिक लोग मारे गए ते जबकि 200 से अधिक लोग जख्मि हुए थे।