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चीन सीमा की सुरक्षा करने वाले आइटीबीपी का 18 साल बाद कैडर रिव्यू होगा

केंद्रीय कैबिनेट ने चीन से लगी देश की सीमा की चौकसी करने वाले केंद्रीय बल इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस...
चीन सीमा की सुरक्षा करने वाले आइटीबीपी का 18 साल बाद कैडर रिव्यू होगा

केंद्रीय कैबिनेट ने चीन से लगी देश की सीमा की चौकसी करने वाले केंद्रीय बल इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) के कैडर रिव्यू को अनुमति दे दी है। करीब 18 साल होने जा रहे कैडर रिव्यू के तहत आइटीबीपी की भूमिका और आवश्यकता को देखते हुए इसके पदों में बढ़ोतरी हो सकती है। कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद और चीन के साथ गरम-नरम रिश्तों को देखते हुए आइटीबीपी के कैडर रिव्यू का फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

2001 में हुआ था पिछला कैडर रिव्यू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आइटीबीपी के ग्रुप ए जनरल ड्यूटी (एक्जीक्यूटिव) कैडर और नॉन-जनरल ड्यूरी कैडर के रिव्यू का फैसला किया गया है। इससे पहले आइटीबीपी का कैडर रिव्यू 2001 में हुआ था। उस समय आइटीबीपी में 32,000 का फोर्स था, जबकि आज करीब 90,000 जवान हैं।

नए पद सृजित करके ताकत बढ़ाएंगे

कैडर रिव्यू के तहत केंद्रीय बल की आवश्यकता को देखते हुए और कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए नए पद सृजित किए जाते हैं। आइटीबीपी भारत-चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करती है।

हाल में चीन सीमा पर हलचल बढ़ी

आइटीबीपी का कैडर रिव्यू ऐसे समय में किया जा रहा है जब चीन से लगी उत्तरी सीमाओं पर खासी हलचल दिखाई दी। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद चीन से लगी सीमाओं पर भी काफी गहमा-गहमी बढ़ गई। पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभाते हुए चीन ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के फैसले का विरोध किया। जम्मू कश्मीर में लद्दाख की सीमा चीन से भी लगती है। इस वजह से भी चीन ने भारत के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी। इससे पहले डोकलाम में भी भारत और चीन के बीच गतिरोध पैदा हो गया था। सरकार ने चीन के साथ नरम-गरम रिश्तों को ध्यान में रखकर आइटीबीपी के कैडर रिव्यू का फैसला किया है।  

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