महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। देशमुख के अलावा और अन्य लोगों पर भी मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप के मामले में केस दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप में जांच एजेंसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रारंभिक जांच शुरू की थी। सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद मुंबई में कई स्थानों पर तलाशी शुरू की जिसमें देशमुख का आवास भी शामिल है।
बता दें, अनिल देशमुख पर आरोप हैं कि उन्होंने पूर्व पुलिस अफसर सचिन वाजे सहित कई अधिकारियों को 100 करोड़ की वसूली के निर्देश दिए थे। सीबीआई ने इन आरोपों पर देशमुख से पूछताछ भी की थी। इन आरोपो के लगने के बाद परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए सीबीआई को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे। उसके कुछ घंटे बाद ही अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
ठाकरे सरकार को लगा था सुप्रीम कोर्ट से झटका
बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जहां 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर मामला शीर्ष अदालत में नहीं लाया जा सकता। ऐसा करने से एक ढह रही प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि आरोपों की प्रकृति और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, इसे एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की आवश्यकता है। यह जनता के विश्वास की बात है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- "यह दो बड़े पद पर बैठे लोगों से जुड़ा मामला है। लोगों का भरोसा बना रहे, इसलिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं देंगे।"