केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। जिसमें केन्द्र सरकार ने कहा है कि कोई भी विधायक या सांसद अगर किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है, तो वो अपने आप अयोग्य नहीं होंगे और उनकी सीट को तत्काल प्रभाव से खाली घोषित नहीं किया जा सकता है।
एनडीटीवी के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने कहा है कि उनकी सीट को तत्काल प्रभाव से ख़ाली घोषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि कानून उन्हें खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ अपील करने और उस पर रोक हासिल करने का एक अवसर देता है।
वहीं याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले को आधार बनाया गया है, जिसके अंतर्गत कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है, तो वह स्वतः अयोग्य घोषित हो जाएगा। गौरतलब है कि नेशनल इलेक्शन वाच (एनईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने 543 में 541 सदस्यों के शपथ पत्र के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा है कि 186 या 34 प्रतिशत चुने गए सांसदों ने अपने शपथ पत्र में खुलासा किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि ये नीति का मामला है, इसमें कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए।