छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में खाद्य विभाग के एक अधिकारी को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। इससे एक दिन पहले हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने यहां एक कार्यक्रम में राष्ट्रपिता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
उनके निलंबन आदेश में कहा गया है कि यहां सहायक खाद्य अधिकारी के रूप में तैनात संजय दुबे को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक) पर महात्मा गांधी के खिलाफ "अपमानजनक" टिप्पणी करने की खबरों के बाद निलंबित कर दिया गया था।
हालांकि अधिकारी ने आरोप से इनकार किया और कहा कि वह स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक के लिए बहुत सम्मान करते हैं।
आदेश में कहा गया कि उनका कार्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन है, और इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि के दौरान उन्हें कबीरधाम जिला मुख्यालय स्थित उनके विभाग के कार्यालय में पदस्थापित किया जाएगा।
दुबे द्वारा कथित रूप से की गई और सोशल मीडिया पर प्रसारित टिप्पणियों के स्क्रीनशॉट लिखा है, “न तो गांधी एक राष्ट्र थे, और न ही इस देश के अधिकांश लोग उन्हें राष्ट्रपिता मानते हैं। राष्ट्रपिता भी संवैधानिक पद नहीं है। जो व्यक्ति यह कहता था कि उनके शव पर ही भारत का विभाजन हो सकता है, उसने स्वयं देश को दो भागों में विभाजित कर दिया था। वह व्यक्ति लाखों देशवासियों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार था।"
यह टिप्पणी सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक टिप्पणी के जवाब में थी। हालांकि, दुबे ने दावा किया कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और उन्होंने विवादास्पद टिप्पणी नहीं लिखी थी।अधिकारी ने जोड़ा, "मेरा फोन किसी ने हैक किया था जिन्होंने महात्मा गांधी जी के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी की थी। मुझे गांधी जी पर बहुत विश्वास है। वह राष्ट्र निर्माण में अग्रणी व्यक्ति थे। वह मेरे लिए एक सम्माननीय व्यक्ति हैं।"
छत्तीसगढ़ पुलिस ने रविवार को कालीचरण महाराज के खिलाफ वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। दरअसल उन्होंने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की।
रायपुर के रावण भाटा मैदान में रविवार शाम दो दिवसीय धर्म संसद के समापन के दौरान कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता के खिलाफ 'अपमानजनक' शब्दों का प्रयोग किया था और लोगों से धर्म की रक्षा के लिए सरकार के मुखिया के तौर पर एक कट्टर हिंदू नेता चुनने के लिए कहा था।
उनके बयानों की राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने आलोचना की थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को दकालीचरण को उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाई और कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।