शुक्रवार की शाम को मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने अचानक पद छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि उनका तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। अब फिर से अकादमिक कार्यों में जुटने का फैसला किया है।
अपना फैसला ट्विटर पर साझा करते हुए शुक्रवार को केवी सुब्रमण्यम ने लिखा, "मैंने अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद शिक्षा जगत में वापस लौटने का फैसला किया है। राष्ट्र की सेवा करना परम सौभाग्य रहा और मुझे अद्भुत समर्थन और प्रोत्साहन मिला है।"
आगे उन्होंने लिखा, "पेशेवर जीवन के करीब तीन दशकों में मुझे अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जैसा अधिक प्रेरक नेता नहीं मिला। आर्थिक नीतियों की उनकी सहज समझ आम नागरिकों के जीवन को ऊंचा करने के लिए एक अचूक दृढ़ संकल्प के साथ मिलती है।"
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने खुद को प्रदान किए गए अवसर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि 50 साल के केवी सुब्रमण्यम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की विशेषज्ञ समितियों में रह चुके हैं। इसके अलावा वो जेपी मॉर्गन चेस, आईसीआईसीआई बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भी रहे हैं। उनसे पहले अरविंद सुब्रमण्यम इस पद पर थे। उनके पद छोड़ने के पांच माह बाद 7 दिसंबर 2018 को केवी सुब्रमण्यम मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किए गया था।