झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मेल भेजकर हत्या की धमकी दी गई है। एक नहीं दो मेल भेजकर यह चेतावनी दी गई है। दोनों अलग-अलग मेल एड्रेस से। मेल में कहा गया है कि हेमंत सोरेन सुधर जायें नहीं सुधरे तो उनकी हत्या कर दी जायेगी। हत्या की धमकी के बाद पुलिस प्रशासन रेस हो गया है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) ने मामले की पड़ताल के लिए साइबर डीएसपी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम गठित की है। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने रांची के साइबर थाना में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी के साथ ही आरोपियों की धर-पकड़ की कार्रवाई तेज कर दी गई है। विशेष जांच टीम ने ई मेल एड्रेस के आइपी ड्रेस को निकाल लिया है जिसके आधार पर अपराधियों की तलाश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार मामला दो दिन पुराना है और जांच टीम अपराधियों के करीब पहुंच चुकी है, जल्द ही वे हिरासात में होंगे। इसके पहले भी किसी सिरफिरे ने मुख्यमंत्री आवास और राजभवन को उड़ाने की धमकी दी थी।
हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पहले से नक्सलियों के निशाने पर रहे हैं, धमकी भी मिलती रही है।
पिछले साल अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव के दौरान भी हेमंत सोरेन को भाकपा माओवादी के नाम पर धमकी भरा पत्र भेजा गया था।
अधिवक्ता अविनाश सिंह के हस्ताक्षर से भेजे गये पत्र में तब कहा गया था कि 23 अप्रैल से 19 मई तक उनके झारखंड में रहने पर प्रतिबंध है। लोकसभा में झामुमो के प्रत्याशियों को भी बैठाने और 19 मई तक सभी उम्मीदवारों को भी झारखंड से बाहर रखने का फरमान सुनाया गया था। आदेश का पालन नहीं करने पर कोडरमा में कांग्रेस अध्यक्ष शंकर यादव की तरह वाहन के साथ उड़ा देने की चेतावनी दी गई थी। तब रांची के अरगोड़ा थाने में इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और कोडरमा से एक व्यक्ति को पकड़ा गया था।
इसके पूर्व अक्टूबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय सहित 10 आइपीएस अधिकारियों की माओवादियों द्वारा हत्या की योजना संबंधी पत्र का खुलासा हुआ था। माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी का पत्र झारखंड पुलिस के हाथ लगा था। अंग्रेजी में लिखे पत्र में रघुवर दास को पूंजिपति और फर्जी मुठभेड़ का शिल्पकार करार दिया गया था। जब रघुवर दास मुख्यमंत्री बने थे उसी समय 2015 के दिसंबर माह में भी एसएमएस भेजकर रामगढ़ जिला के रजरप्पा आने पर उनकी हत्या की धमकी दी गई थी। तब 24 घंटे के भीतर ही रजरप्पा से एक व्यक्ति को पकड़ा गया था। आरोपी ने किसी मुस्लिम के नाम पर सिम लेकर धमकी भरा एसमएस भेजा था।