Advertisement

राजनाथ, सोनिया, मायावती सहित 6 शीर्ष नेताओं को सूचना आयोग का नोटिस

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने राजनाथ सिंह, मायावती, सोनिया गांधी सहित छह राष्ट्रीय दलों के शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किया है। सीआईसी ने कार्यकर्ताओं द्वारा दाखिल आरटीआई के सवालों का जवाब नहीं देने पर इन नेताओं को 22 जुलाई को आयोग की पीठ के समक्ष पेश होने को कहा है।
राजनाथ, सोनिया, मायावती सहित 6 शीर्ष नेताओं को सूचना आयोग का नोटिस

केंद्रीय सूचना आयोग ने देश के छह राष्ट्रीय दलों को नोटिस जारी कर अपने समक्ष पेश होने को कहा है। आयोग ने राजनाथ सिंह, सोनिया गांधी, मायावती, शरद पवार, प्रकाश करात और सुधाकर रेड्डी को नामों से नोटिस भेजे हैं। नोटिस में इन नेताओं से 22 जुलाई को आयोग की पूर्ण पीठ के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। पीठ में सूचना आयुक्त बिमल जुल्का, श्रीधर आचार्युलू और सुधीर भार्गव होंगे जो शिकायतकर्ता आरके जैन की याचिका पर सुनवाई करेंगे। नामों से यह नोटिस तब जारी किए गए जब जैन ने आरोप लगाया कि सीआईसी के रजिस्ट्रार ने छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, भाजपा, कांग्रेस, बसपा, राकांपा, माकपा और भाकपा के खिलाफ उनकी शिकायतों से निपटने में दोहरे मानदंड अपनाए जहां केवल सोनिया गांधी के नाम से नोटिस भेजा गया वहीं अन्य नोटिस पार्टी प्रमुखों को संबोधित भेजे गए। सीआईसी ने 2013 में आरटीआई कानून के तहत इन पार्टियों को जवाबदेह घोषित किया था जिसके बाद जैन ने फरवरी, 2014 में कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को आरटीआई अर्जी भेजकर उनके चंदे, आंतरिक चुनावों आदि की जानकारी मांगी थी। जैन ने इन पार्टियों से कोई जवाब नहीं मिलने पर सीआईसी में शिकायत दाखिल किया था।

नोटिस में कहा गया है, इस बात का संज्ञान लिया जाए कि अगर आप 20 जुलाई, 2016 तक अपनी टिप्पणियां-जवाब देने में विफल रहते हैं और उक्त तारीख और समय पर उपस्थित नहीं होते हैं तो समझा जाएगा कि आपको अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है और मामले में आगे की कार्यवाही कानून के अनुसार की जाएगी। इससे पहले एक नोटिस सोनिया गांधी के नाम से और अन्य पार्टियों को उनके अध्यक्षों-महासचिवों को संबोधित कर भेजा गया था जिसका जैन ने विरोध करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त से शिकायत की थी। जैन ने सीआईसी के रजिस्ट्रार एमके शर्मा के खिलाफ मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर को भेजी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि शर्मा ने सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नाम से नोटिस भेजा, वहीं राजनाथ सिंह, प्रकाश करात, शरद पवार, मायावती और एस सुधाकर रेड्डी के नाम हटा दिए गए जबकि शिकायतों में उनके नाम स्पष्ट तौर पर लिखे थे। इस तरह दोहरा मानदंड अपनाया गया। जैन ने उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि उनकी शिकायत में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का नाम साफ तौर पर अंकित था, जबकि रजिस्ट्रार ने मौजूदा नोटिस भाजपा अध्यक्ष लिखकर भेजा। उन्होंने आरोप लगाया, फिलहाल अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष हैं, इस तरह राजनाथ सिंह को एमके शर्मा ने गैरकानूनी तरीके से और परोक्ष रूप से छोड़ दिया।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad