दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को हुई भयानक हिंसा के बाद अब 13 जनवरी से क्लासें शुरू होने जा रही हैं। जवाहरल लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सोमवार से विश्वविद्यालय में कक्षाएं प्रारंभ करने का फैसला लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) को इसकी आधिकारिक जानकारी दी है। साथ ही जेएनयू प्रशासन ने शनिवार को इस संबंध में छात्रों के लिए एक नोटिस जारी किया। नोटिस में सभी छात्रों को सोमवार से अपनी कक्षाओं में लौटने को कहा गया है। इस नोटिस में दिल्ली से बाहर गए छात्रों को भी लौट आने को कहा गया है। हालांकि जेएनयू छात्र संघ अभी भी वीसी को हटाने की मांग पर अड़ा हुआ है और रजिस्ट्रेशन का बहिष्कार करने की बात कर रहा है।
जेएनयू छात्र संघ ने पंजीकरण प्रक्रिया का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। छात्रसंघ अध्यक्ष आईषी घोष व अन्य सभी प्रतिनिधियों ने छात्रों से शीतकालीन सत्र के बहिष्कार करने की अपील की है। छात्र संघ ने छात्रों से एकजुट एकजुट रहने की अपील की है। छात्रसंघ का कहना है कि लाईफ साइंस जैसे विषय पर शोध कर रहे 50-60 छात्रों ने ही अभी तक शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण कराया है। छात्रों का कहना है कि कुलपति एम जगदीश कुमार बढ़ी हुई फीस वापस लें।
नोटिस की कॉपी मानव संसाधन मंत्रालय को भी भेजी गई
छात्रों के विरोध को देखते हुए जेएनयू प्रशासन ने शनिवार को एक नोटिस जारी कर दिया। नोटिस की कॉपी मानव संसाधन मंत्रालय को भी भेजी गई है। सह रजिस्ट्रार मनोज कुमार द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया है "सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि विश्वविद्यालय में कक्षाएं व सभी स्कूल्स एवं विशेष केंद्रों में शैक्षणिक गतिविधियां' सोमवार से प्रारंभ की जा रही हैं।
प्रशासन ने नोटिस के माध्यम से बताया कि शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण प्रक्रिया सही दिशा में चल रही है। प्रशासन ने कहा है कि जो छात्र हिंसा के डर अथवा किसी अन्य कारण से शहर से बाहर चले गए हैं वह सभी समय रहते वापस लौंट आएं।
मंत्रालय ने शैक्षणिक गतिविधियां बहाल करवाने को कहा
गौरतलब है फीस बढ़ोतरी व हॉस्टल चार्जिस बढ़ाए जाने से नाराज जेएनयू छात्रसंघ नए सत्र का बहिष्कार कर रहा है। कई छात्र इस फीस बढ़ोतरी के खिलाफ हड़ताल पर भी हैं। वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू के कुलपति से विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां बहाल करवाने को कहा है। मंत्रालय चाहता है कि करीब ढाई महीने से चली आ रही छात्रों की हड़ताल समाप्त हो जाए। इसके लिए फिलहाल इस सत्र में बढ़ी हुई फीस भी छात्रों से न वसूलने का फैसला लिया गया है। यह बढ़ी हुई फीस के लिए फिलहाल यूजीसी विश्वविद्यालय को अतिरिक्त अनुदान देगा।