वरिष्ठ लोक अभियोजक वी के शर्मा ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने जांच पूरी कर ली है। जांच के दौरान एक और गवाह से पूछताछ की गयी तथा सीलबंद लिफाफे में उसका बयान पेश किया जा रहा है।
शर्मा ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर से कहा, आगे की जांच पूरी हो गयी है। हमने एक और गवाह से पूछताछ की। हम सीलबंद लिफाफे में उसका बयान पेश कर रहे हैं। हमारी अंतिम जांच अब पूरी हो गयी है।
अदालत ने कहा है कि वह मामले में 11 मार्च को सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट पर गौर करेगी और अगर जरूरी हुआ तो वह एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगेगी।
न्यायाधीश ने कहा, सीलबंद लिफाफे में एक और गवाह के बयान के साथ जांच अधिकारी ने अंतिम अनुपालना रपट दाखिल कर दी है। सुनवाई के दौरान अभियोजक ने अदालत को बताया कि वे मामले से जुड़ी समस्त सामग्री और दस्तावेज अदालत में जमा कर रहे हैं।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के अन्य प्रावधानों के तहत अपराध के लिए पारख, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, हिंडाल्को इंडस्टीज लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोगों का नाम दर्ज किया था। बहरहाल, बाद में एजेंसी ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी जिसे मंजूर करने से इंकार कर दिया गया।
अदालत ने 16 दिसंबर के अपने आदेश में एजेंसी को मनमोहन सिंह और सिंह के तत्कालीन प्रधान सचिव टी के ए नायर और तत्कालीन निजी सचिव बीवी आर सुब्रमण्यम सहित प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ करने का निर्देश दिया था। पारख और हिंडाल्को ने किसी भी तरह की अनियमितता किए जाने से इंकार किया है।