बहुचर्चित कोयला खदान आवंटन घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आरोपी नहीं बनाया जाएगा। सीबीआई की एक अदालत ने आज झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की उस अर्जी पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया जिसमें मनमोहन सिंह को भी इस मामले में आरोपी बनाने की मांग की गई थी। सीबीआई की विशेष अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह इस घोटाले में आरोपी नहीं हैं। गौरतलब है कि इस मामले में विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने 28 सितंबर को सीबीआई द्वारा पक्ष रखे जाने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोड़ा की याचिका पर अपने जवाब में मनमोहन सिंह के खिलाफ मामले में किसी भी तरह के साक्ष्य होने की बात से इन्कार किया था। सीबीआई ने कहा था कि मनमोहन सिंह के पास बतौर प्रधानमंत्री बहुत से अन्य काम भी थे, इसीलिए कोयला घोटाले में सीधे तौर पर उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है। वहीं दूसरे पक्ष का कहना था कि यह घोटाला जिस वक्त में हुआ, उस समय मनमोहन सिंह कोयला मंत्री थे। इसलिए इसमें उनकी भूमिका बनती है लिहाजा वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं।
इस मामले में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वासघात व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मधु कोड़ा के अलावा उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता व 11 अन्य को आरोपी बनाया गया था। कोड़ा ने याचिका दायर कर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कोयला मंत्रालय के ऊर्जा प्रभाग के तत्कालिन सचिव आनंद स्वरूप व माइनिंग एंड जियोलॉजी प्रभाग के तत्कालिन सचिव जय शंकर तिवारी को भी आरोपी बनाने की मांग की थी यह मामला झारखंड के अमरकोंडा में एक कोयला खदान के आवंटन में कथित धांधली से जुड़ा है।