दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा उनकी सजा के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया और उनकी सजा को निलंबित कर दिया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने रे की अपील को स्वीकार किया और मामले को 25 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए टाल दिया। वकील चंद्र प्रकाश, भरत शर्मा और आकाश चटर्जी 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे रे के लिए पेश हुए, जबकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व वकील मृदुल जैन ने किया था।
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एक कोयला ब्लॉक मामले में रे को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। यह मामला झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित था।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे को दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को कोयला घोटाला के एक केस में दोषी करार दिया था। यह मामला झारखंड में 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित है।