गुप्ता के अलावा पुष्प स्टील को और उसके निदेशक अतुल जैन को भी 3 अगस्त को आरोपी के रूप में पेश होने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 409 और धारा 120बी के तहत समन भेजा है।
सीबीआई के विशेष जज भरत परासर ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि गुप्ता ने, जो कि उस समय कोयला आवंटन के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी के भी प्रमुख थे, मध्य प्रदेश के ब्रह्मापुरी कोयला ब्लॉक का आवंटन पीएसएमपीएल के पक्ष में करने में मदद की जिससे अन्य आवेदक कंपनियों के हितों और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि गुप्ता के नेतृत्व वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने अपने स्तर पर पीएसएमपीएल को ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक देने का फैसला कर लिया जबकि इसके लिए न तो संबधित राज्य सरकार ने कोई सिफारिश की थी और न ही इस्पात मंत्रालय ने। हालांकि बाद में इस्पात मंत्रालय ने पाया था कि कंपनी कोयला ब्लॉक हासिल करने की पात्रता रखती है। सीबीआई ने गुप्ता के खिलाफ जो धारा 409 लगाई है उसके तहत दोषी ठहराए जाने पर गुप्ता को अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दस्तावेजों से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती कि आखिर विभिन्न आवेदक कंपनियों के बीच से किस आधार पर आवंटन किया गया और किसी आधार पर पीएसएमपीएल को सही पात्र कंपनी माना गया।
सीबीआई ने यह भी कहा है कि इस आवंटन में गुप्ता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी गुमराह किया जो उस समय कोयला मंत्रालय भी संभाल रहे थे। जब मनमोहन सिंह के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने इस बारे में गुप्ता से पूछा तो उन्होंने गलत तथ्य पेश किया जो कि पीएसएमपीएल ने अपने आवेदन के साथ जमा भी नहीं किए गए थे।