नेशनल हेरॉल्ड वाले मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से आज कांग्रेस नेतृत्व को राहत मिली और सुब्रहमण्यम स्वामी को धक्का लगा। अदालत ने आज स्वामी की इस मांग को खारिज कर दिया कि उन्हें कांग्रेस पार्टी के टैक्स रिटर्न के कागज देखने दिए जाएं। आज उच्च न्यायालय ने नेशनल हेरॉल्ड मामले में निचली अदालत द्वारा दिए गए फैसले को उलट दिया और कहा कि स्वामी को फिलहाल इन कागजातों को देखने की कोई जरूरत नहीं ।
वर्ष 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेरॉल्ड में धोखाधड़ी करने का केस कर किया था। स्वामी ने केस किया है कि गांधी परिवार ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धोखाधड़ी करके महज 50 लाख रुपये देकर एसोसिएटेड जर्नल प्राइवेट लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ रुपये के अधिकार हड़प लिए। इस मामले में स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडीस, सुमन दूबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है। इस मामले में स्वामी ने कांग्रेस के टैक्स रिटर्न के कागज देखने की मांग की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने सिरे से नकार दिया। मार्च में निचली अदालत ने इन कांग्जों को देखने के पक्ष में फैसले दिया था, जिसे आज पलट दिया दिया।
इसी बीच कांग्रेस द्वारा नेशनल हेरॉल्ड को दोबारा से शुरू करने की कवायद में जुटी हुई हैष अगर वह इसे दोबारा शुरू कर पाती है तो इस केस में यह पार्टी के पक्ष में जाएगा।