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कांग्रेस ने गुरुवार चुनाव आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश और गुजरात मे होने वाले चुनाव के लिए अलग–अलग तारीखों के ऐलान की घोषणा पर सवाल उठाया। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग को देश के लोगों को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उसने हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभाओं के लिए अलग-अलग तारीखों पर चुनाव की घोषणा क्यों की जबकि दोनों के लिए वोट उसी दिन गिना जाता है।
कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा को आधिकारिक खर्च पर कई रैलियां करने का समय मिला और गुजरात में सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग किया गया।
नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के दबाव के बावजूद गुजरात चुनावों की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद देना चाहता हूं।"
शर्मा ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा, "चुनाव आयोग को संवैधानिक निकाय के रूप में स्पष्टीकरण देना चाहिए कि दोनों राज्यों में चुनावों के लिए मतगणना एक ही दिन होगी, लेकिन अलग-अलग तारीखों पर चुनाव की घोषणा क्यों की गई।"
कांग्रेस नेता ने मोरबी पुल ढहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जब यह त्रासदी हुई थी तो कांग्रेस ने सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिया, लेकिन पीएम आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लिया।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस गुजरात में बहुत मेहनत कर रही है और राज्य में चुनाव के नतीजे 'आश्चर्यजनक' होंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भाजपा की बी-टीम करार दिया। उन्होंने कहा ये पार्टियां केवल वोट काटने के लिए हैं और गुजरात में लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार को घोषणा की कि गुजरात में दो चरणों में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को वोटों की गिनती के साथ 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश में मतदान होगा। गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 89 सीटों पर एक दिसंबर को और बाकी 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा।