गौरतलब है कि चंद्रावत के बयान के बाद जहां संघ ने उनके बयान से किनारा कर लिया वहीं माकपा और कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आक्रामक हो गई है। हालांकि बाद में चंद्रावत ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी लेकिन माकपा और कांग्रेस का कहना है कि इससे संघ की मानसिकता उजागर हो रही है। चंद्रावत ने केरल के मुख्यमंत्री का सर काटकर लाने वाले को एक करोड़ रुपये का इनाम देने का एलान किया था। चंद्रावत के बयान के बाद माकपा नेता कोदियेरी बालकृष्णन ने कहा कि संघ विजयन का बाल बांका भी नहीं कर पाएगा और उन्होने संघ को माकपा ने न उलझने की चेतावनी भी दी।
उधर मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि यह बयान उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अंतिम चरणों के मतदान में वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर दिया गया है। हालांकि भाजपा इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचना चाह रही है। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा का कहना है कि जिस तरह के बयान आ रहे हैं उससे संघ की मानसिकता उजागर होती है। उन्होने कहा कि पुलिस अधीक्षक का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं आया है इसलिए वे कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस एक दिन और इंतजार करके चंद्रावत के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। अगर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती तो चंद्रावत के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा।