महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के विरोध मे है।थोरात आगामी नगर पालिका के चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित कर रहे थे।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद श्री थोरात संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि राज्य में तीनों दलों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस द्वारा साझा न्यूनतम कार्यक्रम तय करने के बाद सरकार का गठन किया गया था, जिसमें शहर का नाम बदलने की बात शामिल नहीं थी। इसलिए कांग्रेस इसका विरोध कर रही है और आगे भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब राज्य में गठबंधन की सरकार बनी थी तब से ही कोरोना की समस्या शुरू हो गयी थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार ने अच्छा काम किया। उन्होंने कहा कि ने कहा कि सरकार में हर किसी ने अच्छा काम किया है, चाहे वह किसानों के कर्ज माफी हो या फिर कोरोना संकट के समाधान हो। उन्होंने यह भी संतोष व्यक्त किया कि सभी पात्र किसानों को ऋण माफी योजना से लाभ हुआ है।
थोरात ने यह सवाल उठाया कि तीन-पक्षीय सरकार में कांग्रेस को उचित न्याय नहीं मिल रहा है। आगामी नगर पालिका के चुनाव के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार के नेता आपस में बैठक करेंगे और इस संबंध में निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगामी नगर पालिका का चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है लकिन महाविकास अघाड़ी की सरकार राज्य मे है इसलिए तीनों दलों के नेता बैठ कर निर्णय करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक ही मकसद है भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से दूर रखना है इसलिए नगर निगम चुनाव में भी हमना गठजोड़ जारी रखेंगे यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। इस अवसर पर जिला पार्टी अध्यक्ष डॉक्टर कल्याण काले, शहर अध्यक्ष हिशम उस्मानी, प्रकाश मुगड़िया, सरोज मस्लज सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।