रेलवे ने सभी स्टेशन मास्टरों को रेल सेवाओं पर लगी रोक के चलते फंसे यात्रियों के रिटायरिंग रूम (विश्राम-गृह) में ठहरने की समय सीमा को बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।रेलवे ने रविवार को देश भर में सभी यात्री ट्रेन सेवाओं पर रोक लगा दी थी।
नियम के अनुसार रिटायरिंग रूम को न्यूनतम तीन घंटे और अधिकतम 48 घंटे के लिए बुक किया जा सकता है। लेकिन अब जारी आदेश में कहा गया, “ऐसा मालूम हुआ है कि रिटायरिंग रूम में मौजूद कुछ यात्री एक या दो दिन बाद यात्रा करने वाले थे। उन्हें ट्रेनें रद्द होने के बाद समस्या आ रही है और उनके पास कहीं जाने की जगह नहीं है।”
इसमें कहा गया, “ रेलवे बोर्ड ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी मामलों में ठहरने की अवधि को सीमित करने संबंधी नियम को दरकिनार करते हुए यह अवधि बढ़ाई जा सकती है। रेल सेवाएं सामान्य होने तक यह राहत मिलेगी। फंसे हुए यात्रियों के लाभ के लिए सभी स्टेशन मास्टरों को इस निर्देश से जल्द अवगत करा दिया गया है।”
कोरोना वायरस के मद्देनजर लगाई गई रोक
बता दें कि देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके अब तक 415 मामले सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए ही भारतीय रेलवे ने 31 मार्च पर सभी पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी थीं। साथ ही 21 जून तक किराया वापसी के नियमों में भी ढील दी है। रेलवे ने हालांकि अपनी मालगाड़ियों की सेवा को बहाल रखा है। रेलवे के इस निर्णय से लगभग साढ़े 12 हजार ट्रेनों का संचालन रुकेगा। इसके अलावा 500 उपनगरीय क्षेत्रों में ट्रेनों को संचालन प्रभावित होगा।
21 जून तक किराया वापसी के नियम में भी ढील
टिकट बुकिंग रद्द होने पर रेलवे ने किराया वापसी के नियम में ढील दी है। रेलवे ने एक बयान में कहा है कि 31 मार्च तक जो ट्रेनें कैंसिल हुई हैं उसका पूरा रिफंड 21 जून 2020 तक क्लेम कर सकते हैं।