अभी तक जो खुलासा हुआ है उनमें कई कंपनियों का नाम सामने आ चुका है लेकिन दस्तावेज का उपयोग कैसे किया गया इसकी जांच चल रही है। इस मामले में गिरफ्तार पूर्व पत्रकार शांतनु शैकिया ने कहा कि वह 10 हजार करोड़ रुपये एक घोटाले में कवर-अप ऑपरेशन में शामिल थे, इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। शैकिया उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है।
शनिवार को पुलिस ने कई कंपनियों के कार्यालय पर छापा मारा। जिसमें कई और तथ्य सामने आए हैं। अपराध शाखा ने इस मामले में गिरफ्तार ऊर्जा सलाहकार प्रयास जैन के कार्यालय की तलाशी लेने के बाद नोएडा में जूबिलेंट एनर्जी के कार्यालय पर छापा मारा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जूबिलंट एनर्जी के वरिष्ठ कार्यकारी सुभाष चंद्रा को जैन के कार्यालय ले जाया गया, उसके बाद पुलिस नोएडा पहुंची। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी का कहना है कि जांच के सिलसिले में जो आवश्यक है, उनकी जांच की जा रही है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक हम आगे भी कई स्थानों पर छापा मार सकते हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य पूरे मामले की तह तक पहुंचना है। बस्सी के मुताबिक जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है उनसे पूछताछ चल रही है। अपराध शाखा ने शुक्रवार को जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया उनकी पहचान आरआईएल के शैलेष सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केयर्न्स के के के नाईक, जूबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के रिषि आनंद के रूप में हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें यह जानने की जरूरत है कि यह कब से चल रहा था और किन लोगों को इससे लाभ पहुंचा। पुलिस के अनुसार, कंपनियों के ये सभी अधिकारी चुराये गये दस्तावेज प्राप्त करते थे जो कि उनके कार्यालय परिसरों पर छापे के दौरान बरामद किये गये। उल्लेखनीय है कि सक्सेना रिलायंस इंड्रस्टीज लिमिटेड में कारपोरेट मामले के प्रबंधक हैं, जबकि चन्द्रा जुबिलेंट एनर्जी के वरिष्ठ कार्यकारी हैं। आनंद रिलायंस एडीएजी में उपमहाप्रबंधक हैं। विनय एस्सार के उप-महाप्रबंधक जबकि नायक केयर्नस इंडिया में महाप्रबंधक हैं। इन सभी अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।