Advertisement

आवरण कथा/ऑपरेशन सिंदूर/नजरिया: भारतीय सेना ने साबित की अपनी बढ़त

पहलगाम में निर्दोष सैलानियों पर आतंकी हमला गहरी और सुनियोजित साजिश थी, ताकि पाकिस्तान के लोगों का...
आवरण कथा/ऑपरेशन सिंदूर/नजरिया: भारतीय सेना ने साबित की अपनी बढ़त

पहलगाम में निर्दोष सैलानियों पर आतंकी हमला गहरी और सुनियोजित साजिश थी, ताकि पाकिस्तान के लोगों का ध्‍यान फौजी और सियासी मोर्चे की भारी नाकामियों से हटाया जा सके। पहले फौज प्रमुख आसिम मुनीर की भड़काऊ बयानबाजी और फिर पहलगाम हमला स्पष्ट संकेत था कि पाकिस्तान की बौखलाहट कई वजहें थीं। एक तरफ बलूचिस्तान में बगावत ने फौज की नींद उड़ा रखी थी, तो दूसरी ओर नियंत्रण रेखा के पास भारत के विकास कार्य और कश्मीर में सामान्य होते हालात ने उसे असहज कर दिया था।

जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को भारत ने जिस सटीकता से आतंकी ठिकानों पर वार किए, वह तकनीकी श्रेष्ठता और रणनीतिक कुशलता का प्रमाण था। सैटेलाइट इमेज से लेकर ड्रोन के इस्तेमाल तक, हर कदम सुनियोजित और प्रभावी था। भारत ने पाकिस्तान की एयर डिफेंस क्षमताओं को भी चुनौती दी। भारत ने न सिर्फ उनके आतंकी नेटवर्क को हिलाया, बल्कि उनके न्यूक्लियर कमांड स्ट्रक्चर के आसपास मौजूद सुरक्षा का भ्रम भी तोड़ दिया। इससे पाकिस्तान की फौज में गहरा डर बैठा और वे अमेरिका की शरण में जाने को विवश हो गए।

अमेरिका और पश्चिमी मीडिया की भूमिका भी इस पूरे घटनाक्रम में उल्लेखनीय रही। पहले दिन उन्होंने पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को जगह दी, लेकिन जैसे-जैसे सच्चाई सामने आई, तो न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबारों को मानना पड़ा कि नुकसान पाकिस्तान में ज्‍यादा हुआ है। इसके पीछे एक कारण यह भी रहा कि भारत ने जिन हथियारों और प्रणालियों का इस्तेमाल किया, उससे न केवल पश्चिमी हथियारों की कमियों को उजागर किया, बल्कि भारतीय सिस्टम- विशेषकर एस-400 और स्वदेशी तकनीकों की श्रेष्ठता को वैश्विक मंच पर स्थापित कर दिया।

पश्चिमी देशों और चीन के रक्षा सौदों पर भी इसका सीधा असर पड़ा। एफ-16 और चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की कमजोरियों ने बाजार में उनकी साख गिरा दी, जबकि भारत के सिस्टम को लेकर नई रुचि पैदा हुई। यह वैश्विक शक्ति समीकरणों में बदलाव का संकेत है।

टेक्निकल एज की बात करें, तो भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उसने रूस, स्वदेशी और पश्चिमी सिस्टम को एकीकृत कर एक ऐसा वॉर नेटवर्क खड़ा किया जो सेंसर-टू-शूटर लिंक को ऑटोमेटिक रूप से सक्रिय कर सका। यह किसी भी लक्ष्य पर मिनटों में प्रतिक्रिया देने और सटीक हमला करने की क्षमता देता है। यह एडवांटेज न सिर्फ रक्षा में बल्कि साइकोलॉजिकल डॉमिनेंस में भी भारत को बढ़त देता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad