लॉकडाउन और कोरोना वायरस के बढ़ रहे आंकड़ों के बीच देश में नौकरी के जाने का खतरा मंडराने लगा है। आर्थिक मंदी के कारण कैंपस प्लेसमेंट से मिले नौकरियों के जाने के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखियाल 'निशंक' ने सोमवार को सभी कंपनियों से अपील की। उन्होंने कहा कहा कि इस महामारी की वजह से उत्पन्न आर्थिक मंदी के कारण कैंपस प्लेसमेंट में छात्रों को दिए गए किसी भी नौकरी के प्रस्ताव को वापस न लिया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का काम कर रही है कि कोविड-19 स्थिति का अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक प्रभाव न पड़े।
नौकरी न करें रद्द
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से हायर किए गए छात्रों को नौकरी न देना अनुचित होगा। ये देश को इस परिस्थिति से बाहर निकालने में योगदान दे सकते हैं। गौरतलब है कि निशंक की ये अपील भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में कुछ नौकरी की पेशकश के बाद कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर कंपनियों ने इसे रद्द करने के बाद आई है। उन्होंने पिछले सप्ताह 23 आईआईटी संस्थानों के निदेशकों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया था कि इस महामारी से कैंपस प्लेसमेंट प्रभावित न हों।
कोरोना की वजह से नौकरी जाने का संकट गहराया
बता दें, कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया मंदी की चपेट में हैं। जिसकी वजह से करोड़ों नौकरियों के जाने का खतरा मंडराने लगा है। भारत में भी लागू देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से असंगठित क्षेत्र सरीखे कई तरह के धंधे बंद पड़े हैं। वहीं, दुनियाभर में अब तक कोरोना संक्रमिण से 69 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमित मरीजों की संख्या बारह लाख के ज्यादा हो गई है। भारत में भी कोरोना के मरीजों की संख्या काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोविड19इंडियाडॉटओआरजी के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के 4,684 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। जबकि अब तक इस वायरस से देश में 129 जानें जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 28 लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई है।