बीती (शुक्रवार की) रात भारतीय सेनाओं पर हैकर्स ने साइबर अटैक किया। इसके बाद तीनों सेनाओं ने चेतावनी देते हुए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को आगाह किया कि अटैचमेंट के साथ नोटिस शीर्षक वाले ईमेल को न खोलें। यह जानकारी आज सूत्रों ने दी।
फिशिंग से बचने को इमरजेंसी अलर्ट
इमरजेंसी अलर्ट में कहा गया है कि एचएनक्यू नोटिस फाइल.एक्सएलएस डाउनलोड नाम के हाइपरलिंक के साथ फिशिंग मेल सैन्य कर्मियों को भेजे जा रहे हैं। यह मेल खासतौर से [email protected] ईमेल आइडी से भेजे जा रहे हैं। अलर्ट में कहा गया है कि इस तरह का सब्जेक्ट, ईमेल आइडी और लिंक के साथ भेजा जाता है तो सावधान रहना चाहिए। इनबॉक्स में ऐसे मेल मिलते हैं तो उन्हें कतई खोला न जाए, बल्कि उन्हें रिपोर्ट किया जाए या फिर डिलीट कर दिया जाए।
चीन या पाक से हो रहे साइबर हमले
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि देश के महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर साइबर हमला पाकिस्तान या चीन से हो रहा है। हाल में जैसे ही ये हमले तेज हुए, हमारी साइबर यूनिट अलर्ट हो गई है। सरकार ने भी सशस्त्र बलों के लिए डिफेंस साइबर एजेंसी स्थापित करने की योजना बनाई है। सिर्फ सैन्य साइबर मसलों पर फोकस के लिए स्थापित की जाने वाली इस एजेंसी का काम चीन और पाकिस्तान जैसे विदेशी ठिकानों से उत्पन्न खतरों से निपटना है।
दूसरे देशों से हो रहे हैं संचार तंत्र पर हमले
सूत्रों ने कहा कि एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि पाकिस्तानी जासूस भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने जाल में लेने के लिए कई दूसरे देशों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई मामलों में जासूस दूसरे देशों के सुरक्षा अधिकारी के तौर पर भारतीय सेना के संचार तंत्र में सेंध लगाने में सफल हो गए।
पाक ने 2016 में हजारों फाइलें चुराई थीं
पाकिस्तानी जासूसी का मुख्य उद्देश्य भारतीय जासूसों, विभिन्न सैन्य इकाइयों की तैनाती और पूर्व सैन्य कर्मियों के बारे में जानकारी जुटाना होता है। 2016 में पता चला था कि साइबर हमलावर भारत की स्कॉरपीन पनडुब्बी बेड़े की क्षमता की जानकारी वाली हजारों फाइलें चुराने में सफल हो गए। हालांकि भारतीय नेवी ने तब कहा था कि इन फाइलों में कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी।