केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नरेन्द्र दाभोलकर हत्याकांड के कुछ आरोपियों का बचाव कर रहे वकील को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने उनको दाभोलकर की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे को मुम्बई से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें रविवार को पुणे की अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पुनालेकर दाभोलकर पर हमला करने वालों में से एक है।
संजीन पुनालेकर नरेंद्र दाभोलकर हत्या कांड में आरोपियों का भी वकील है। वहीं विक्रम भावे जो कि सनातन संस्था का सदस्य है वो साल 2008 के एक ब्लास्ट केस में दोषी है और जमानत पर बाहर है। विक्रम भावे पुनालेकर के ऑफिस में काम करता है।
वकील पर सबूत नष्ट करने का आरोप
अधिकारी के मुताबिक, वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे पर सबूतों को नष्ट करने में मदद करने का आरोप है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पुनालेकर और भावे के दो लोगों के साथ संबंध थे, जिन्होंने दाभोलकर की कथित तौर पर हत्या कर दी और अन्य सहायता प्रदान करने के अलावा सबूतों को नष्ट करने में मदद की।
हमला करने वालों में वकील के शामिल होने का शक
अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पुनालेकर दाभोलकर पर हमला करने वालों में से एक है। संदेह है कि यह भावे ही थे जिन्होंने शूटरों के लिए दाभोलकर की पहचान की थी। गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले में सचिन प्रकाशराव अंदुरे और हिंदू जन जागृति समित के सदस्य वीरेंद्र तावड़े को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे पूछताछ के बाद ही सीबीआई ने पुनालेकर और भावे की गिरफ्तारी की है।
2013 में हुई थी दाभोलकर की हत्या
अंधविश्वासों के खिलाफ बोलने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह को टहलते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दाभोलकर की हत्या के बाद सनातन संस्था जांचकर्ताओं के निशाने पर आ गई।