दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। वे 13 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि दुष्कर्म के मामलों में 6 माह में फैसला कर दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।
जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह मालीवाल बेहोश हो गईं, जिसके बाद दिल्ली के एनएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अनशन के कारण स्वाति मालीवाल का वजन भी घटा है। दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक स्वाति मालीवाल कमजोरी के चलते बात भी करने में असमर्थ हैं> डॉक्टरों ने बताया कि स्वाति मालीवाल का यूरिक एसिड बढ़ा हुआ था और वाइटल पैरामीटर फ्लक्चुएट कर रहा था। इसकी वजह से उन्हें फौरन एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दरअसल, सुबह वह बेहोश हो गई थीं लिहाजा उन्हें अस्पताव में भर्ती कराने का फैसला लिया गया।
महिला सांसदों को लिखी चिट्ठी
बलात्कार मामले में दोषियों को फांसी देने की मांग करने वालीं स्वाति मालीवाल महिला सांसदों को पत्र लिखकर उन्हें भी इस दिशा में काम करने की बात कही है। उन्होंने दुष्कर्मियों के लिए सख्त कानून की मांग संसद में उठाने की मांग की है। स्वाति ने कहा, "यदि आप मांग संसद में नहीं उठा पातीं तो उम्मीद करूंगी कि राजघाट आकर देश की बेटियों के अनशन में भाग लेंगी और तब तक नहीं रुकेंगी जब तक देश में महिला अपराध के खिलाफ मजबूत तंत्र नहीं बन जाता।" मालीवाल ने पत्र में कहा कि पिछले तीन सालों में दिल्ली महिला आयोग ने 55,000 केस की सुनवाई की है। हेल्पलाइन 181 पर ढाई लाख कॉल्स अटेंड कीं और 75000 ग्राउंड विजिट की।
‘तत्काल सभी 'रेपिस्टों' को छह महीने में फांसी की सजा का कानून लागू हो’
उन्होंने कहा कि सिर्फ कानून बना देना काफी नहीं है, उसको लागू भी करना होगा। इसलिए यह जरूरी है कि तत्काल सभी 'रेपिस्टों' को छह महीने में फांसी की सजा का कानून लागू हो। स्वाति मालीवाल ने महिला सांसदों से कम से कम छह मांगें संसद में उठाने की मांग की है। पहली मांग है कि निर्भया के दोषियों को तुरंत फांसी दी जाए, क्योंकि इंतजार करते-करते आठ साल हो गए।