लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को पूर्व रक्षा मंत्री और देश के बड़े मजदूर नेता जॉर्ज फर्नांडिस का दिल्ली में निधन हो गया। वे 88 साल के थे। राजधानी दिल्ली स्थित जॉर्ज के निवास स्थान पर किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं थी, वे निडर होकर रहते थे। यहां तक की जिस घर में जॉर्ज रहते थे उस घर पर गेट तक नहीं लगा था। बता दें कि जॉर्ज ने अपने जीवन काल में संघवादी, कृषिविद, राजनीतिक कार्यकर्ता और पत्रकार के रूप में विशेष भूमिकाएं अदा की।
बतौर रक्षा मंत्री रिकॉर्ड 30 से ज्यादा बार सियाचिन ग्लेशियर का दौरा करने वाले फर्नांडीस जॉर्ज के बारे में एक खास बात ये है कि दिल्ली का 3, कृष्ण मेनन मार्ग उनका निवास था। उनके इस निवास स्थान न तो कोई गेट लगा था और न ही कोई सुरक्षाकर्मी वहां तैनात रहता था।
अपने पुनर्जन्म को कही थी ये बात
जॉर्ज ने एक बार कहा था, 'अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है तो मैं दोबारा वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा।' बेंगलुरु में करीब 15 वर्ष पहले 'कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन' के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए फर्नांडिस ने वियतनाम के लोगों को अनुशासित, प्रतिबद्ध और दृढ़ संकल्पी बताया था। उन्होंने कहा था कि वियतनाम का दुनिया के कॉफी बाजार में बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा था, 'मुझे इससे कोई ईर्ष्या नहीं है। मैं वियतनाम का प्रशंसक हूं और तेज प्रगति के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देश और उसके लोगों की प्रशंसा करता हूं।'
मैं वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा: जॉर्ज फर्नांडिस
फर्नांडिस ने कहा था, 'अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है, तो मैं वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा। वे अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए जान न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं।' बता दें कि वियतनाम का दौरा करने वाले फर्नांडिस पहले रक्षा मंत्री थे।
किंग जॉर्ज-फिफ्थ की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं फर्नांडिस की मां
जॉर्ज का जन्म कर्नाटक के मंगलुरु में 3 जून, 1930 को एक कैथोलिक परिवार में हुआ था। तब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश हुआ करता था। बताया जाता है कि उनकी मां ब्रिटेन के तत्कालीन किंग जॉर्ज-फिफ्थ की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और इसलिए उन्होंने अपनी छह संतानों में सबसे बड़े बेटे का नाम जॉर्ज रखा था, क्योंकि जॉर्ज-पंचम का जन्म भी इसी दिन 1865 में हुआ था। इन्होंने 21 जुलार्इ 1971 में लीला कबीर से विवाह किया था।
फर्नांडिस 1967 से 2004 तक 9 बार लोकसभा के सदस्य बने
महान समाजवादी नेता फर्नांडिस का बिहार से गहरा रिश्ता रहा है। समता पार्टी की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाने वाले जॉर्ज भारत के केंद्रीय कैबिनेट में रक्षामंत्री, संचारमंत्री, उद्योगमंत्री, रेलमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। श्रमिक नेता के रूप में पहचान बनाने वाले फर्नांडिस 1967 से 2004 तक 9 बार लोकसभा के सदस्य बने। जॉर्ज की मृत्यु के बाद बिहार की राजनीति में शोक की लहर उमड़ पड़ी है। जॉर्ज फर्नांडिस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक का भी काम बखूबी निभाया था।