दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो दिनों से फिर धुंध की चादर छाई हुई है। अब ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार चला गया। हालात के मद्देनजर स्कूलों में दो दिनों की छुट्टी घोषित कर दी गई है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी की समग्र वायु गुणवत्ता गुरुवार को सुबह 7:00 बजे 472 दर्ज की गई। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर' श्रेणी में है।
राजधानी के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता और खराब है। आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 564 दर्ज किया गया। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 560 रिकॉर्ड किया गया। जबकि दिल्ली नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 483 के स्तर को पार कर गया, तो वहीं नोएडा में एक्यूआई 588 के स्तर को पार कर गया।
कब मिलेगी राहत
प्रदूषण का पूर्वानुमान करने वाली एजेंसियों के मुताबिक, 15 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर इसी तरह घुटते रहेंगे। हालांकि पराली का धुंआ गुरुवार से कुछ कम हो सकता है। इससे पहले 2016 के नवंबर को सबसे ज्यादा प्रदूषित माना जाता था। उस दौरान दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर लगातार 13 से 14 दिनों तक गंभीर श्रेणी में रहा। लेकिन 2019 में नवंबर उस रेकॉर्ड को भी तोड़ता दिखाई दे रहा है।
शुक्रवार तक स्कूल बंद
हालात के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूल गुरुवार और शुक्रवार को बंद रहेंगे। प्रदूषण की रोकथाम से जुड़ी कमिटी ईपीसीएके इस आदेश को दिल्ली, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फरीदाबाद जिला प्रशासन ने मान लिया है।
बढ़ सकता है ऑड-ईवन
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर ऑड-ईवन को 15 नवंबर से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में ऑड-ईवन को मूलाधिकार का उल्लंघन बताया गया है।
नहीं रुक रहीं पराली जलाने की घटनाएं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाने के कई मामले सामने आए हैं। एक अक्टूबर से 12 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने के 46 हजार 211, वहीं हरियाणा में 5 हजार 807 मामले सामने आए हैं। सरकार की वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली सफर के मुताबिक फिलहाल 22 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने की वजह से है।