दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की आत्मसमर्पण की अर्जी को खारिज कर दिया है। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए एक याचिका दाखिल की थी। पी चिदंबरम वर्तमान में सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि गुरुवार को अदालत ने पी चिदंबरम की याचिका पर फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रखा था। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समर्पण के लिए चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई की थी।
ईडी ने चिदंबरम की याचिका का किया था विरोध
हालांकि ईडी ने चिदंबरम की याचिका का विरोध किया था। ईडी ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभी चिदंबरम को गिरफ्तार करने की आवश्यकता नहीं है। ईडी ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार को बताया कि भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में चिदंबरम न्यायिक हिरासत में हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की स्थिति में नहीं हैं। ईडी ने कहा था कि वह इस मामले में 6 अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहता है, इसलिए चिदंबरम को वह बाद में उचित समय पर गिरफ्तार करना चाहता है।
चिदंबरम के वकील ने क्या कहा?
वहीं, उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया था कि चिदंबरम जब चाहें आत्मसमर्पण कर सकते हैं, यह उनका अधिकार है। सिब्बल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इसके पीछे ईडी की मंशा उनके मुवक्किल को परेशान करने की है।
क्या है मामला?
कांग्रेस नेता फिलहाल 19 सितंबर तक सीबीआई की न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में चिदंबरम को 19 सितंबर को निचली अदालत में पेश किया जाएगा। कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए सरकार में 2004 से 2014 तक केंद्रीय मंत्री रह चुके चिदंबरम को केंद्रीय जांच एजेंसी ने 21 अगस्त को उनके घर से गिरफ्तार किया था। वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितता बरती जाने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई 2017 को उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 2017 में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।