दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी।
गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर केजरीवाल और सिसोदिया को जमानत दे दी।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत में दावा किया है कि आप के दो नेताओं के बयान पर ट्वीट्स और समाचार रिपोर्टों के व्यापक प्रसार के कारण उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया था, जिसके लिए उन्होंने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की ना ही माफी मांगी।
कोर्ट ने बीते सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मानहानि मामले में समन जारी किया था। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी की अदालत ने केजरीवाल और सिसोदिया को 16 जुलाई को अपने समक्ष पेश होने को कहा था।
इसके साथ ही सांसदों-विधायकों की विशेष अदालत ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन की ओर से दर्ज मानहानि के मामले में शुक्रवार को विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा को नोटिस भेजा। तीनों नेताओं की ओर से उन पर लगभग 16,000 पेड़ों को काटने से संबंधित झूठे आरोप लगाने के बाद उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी।
अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल ने मामले में व्यक्तिगत पेशी के लिए 30 जुलाई की तिथि तय की है। मंत्री ने दावा किया कि तीनों नेताओं ने उन पर निराधार आरोप लगाए हैं कि हुसैन को कॉलोनी पुनर्विकास परियोजना के तहत पौधरोपण के लिए मुआवजे के रूप में 23 करोड़ रुपये मिले हैं मगर उन्होंने कुछ भी नहीं किया।