पर्यावरण मंत्रालय के सामने प्रदर्शन करने वाले भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि वह कृषि के क्षेत्र में विज्ञान के खिलाफ नहीं है। लेकिन सरकार के इस फैसले से किसानों का बीजों पर अधिकार नहीं रह जाएगा। उन्हें बीज भी कंपंनियों से खरीदनी पड़ेगी। गौरतलब है कि जीएम सरसों को लेकर विपक्षी पार्टियां, किसान संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।
पर्यावरण मंत्रालय के सामने प्रदर्शन
पर्यावरण मंत्रालय के सामने प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के युद्धवीर सिंह ने कहा है कि सरकार बिना किसी ठोस तथ्यों के जीएम सरसों को अमुमति देने जा रही है जिसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसी जेनेटिक एप्रूवल कमेटी ने पर्याप्त शोध के बिना ही जीएम सरसों बीज को एप्रूवल दे दिया है। उनकी सरकार से मांग है कि जीएसी की सिफारिश को न माना जाए।
पर्यावरण मंत्री से मिले किसान संगठन के नेता
इस मसले पर किसान संगठन ने पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे से मुलाकात कर अपनी आपत्ति जताई। युद्धवीर सिंह ने बताया कि पर्यावरण मंत्री ने किसान संगठनों की बात पर गौर करने का भरोसा दिया है।
यहां देखिए जीएम सरसों पर किसान संगठन का प्रदर्शन