राजधानी दिल्ली स्थित तीस हजारी कोर्ट परिसर में 2 नवंबर को वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसा और वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों को निशाना बनाए जाने के विरोध में आज (मंगलवार को) दिल्ली पुलिस के जवान सड़क पर उतर आए हैं। पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया है और हाथ पर काली पट्टी बांधकर पुलिसकर्मी धरना दे रहे हैं। इस प्रदर्शन पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी है तो ही ये मुमकिन है।
बताया जा रहा है कि वरिष्ठ पुलिस अफसरों ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों से कहा है कि रोड से उठकर अंदर चलिए, वहां हर सवाल का जवाब मिलेगा। लेकिन पुलिसवाले कमिश्नर को बाहर बुला रहे हैं। हालात पर गृह मंत्रालय की नजर है और दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है। मंत्रालय ने कोर्ट में हिंसा के मामले में अब तक के ऐक्शन की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मियों के साथ हिंसा के बाद पूरे विभाग में नाराजगी
बता दें कि 2 नवंबर यानी शनिवार को तीस हजारी कोर्ट परिसर में हिंसा के बाद अन्य अदालतों में भी इस तरह की घटना से संबंधित कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे पूरे विभाग में नाराजगी है। पुलिसवालों का कहना है कि उनकी कोई गलती नहीं थी, वकीलों पर मुकदमे दर्ज किए जाएं और उनके साथ इंसाफ हो। पुलिसकर्मियों का कहना है कि इस तरह पिटाई से उनका मोराल डाउन है, ऐसे में वह खुद डरा हुए महसूस कर रहे हैं। इस हालत में जनता की सेवा कैसे करेंगे। कई पुलिसकर्मियों के बच्चे भी प्रदर्शन में तख्ती लिए दिखाई दिए। कुछ आईपीएस पुलिस अफसरों ने भी ट्वीट कर पुलिस की नाराजगी को सही बताया है। पुलिसकर्मियों का सवाल है कि बिना जांच किए उनके खिलाफ ऐक्शन हो गया जबकि हिंसा करने वाले वकीलों का कुछ नहीं हुआ।
कांग्रेस का हमला-मोदी है तो ही ये मुमकिन है
पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, '72 साल में पहली बार पुलिस प्रदर्शन पर। क्या यही है बीजेपी का न्यू इंडिया। देश को कहां ले जाएगी बीजेपी? कहां गुम हैं गृह मंत्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है।'
कानून अपने हाथों में न लीजिए बल्कि कानून को अपना काम करने दीजिए- रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पुलिस द्वारा एक वकील की पिटाई का ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, 'एक पुलिसकर्मी की थैंकलेस जॉब होती है। पुलिस अधिकारी हर रोज ड्यूटी पर जान की बाजी लगाते हैं।' आगे रिजिजू ने कहा कि कानून अपने हाथों में न लीजिए बल्कि कानून को अपना काम करने दीजिए।
पुलिसवालों के हाथ में दिख रहे हैं तरह-तरह के बैनर
प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों के हाथ में विभिन्न बैनर-पोस्टर हैं। इनमें से एक पर हाउ द जोश....लो सर, लिखा हुआ है। दूसरे पर लिखा था कि कौन सुनेगा? किसे सुनाएं?
वकील भी हड़ताल पर
जानकारी के मुताबिक, पुलिसवालों के साथ ही वकील भी हड़ताल पर हैं। दिल्ली में बार काउंसिल की अपील के बाद भी वकील हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं हो रहे हैं। इस वजह से आज भी हजारों मामलों की सुनवाई प्रभावित रहेगी। वकील दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
तीस हजारी कोर्ट के बाद दूसरी अदालतों में भी हिंसा
बता दें कि तीस हजारी कोर्ट से हुई हिंसा के बाद ऐसे ही मामले देश के कई कोर्टों से सामने आए। सोमवार को साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिसवालों को पीटने की घटनाएं सामने आईं। यूपी में भी वकीलों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। सोमवार को कानपुर में वकीलों ने एसएसपी दफ्तर पर पथराव किया और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए।
मामले की हर तरफ हुई निंदा
कानून की रक्षा करने वाले और कानून की प्रैक्टिस करने वाले आपस में लड़े-भिड़े तो इसकी हर तरफ से निंदा हुई। आईपीएस एसोसिएशन ने सोमवार को घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। एसोसिएशन ने अपील की, तथ्य लोगों के सामने है लिहाजा इस पर संतुलित नजरिया अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि पूरे देश की पुलिस, उन सभी पुलिसकर्मियों के साथ खड़ी है जिनपर हमला हुआ है।