नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की किसान रैली में गजेंद्र सिंह की मौत के मामले में आखिरकार दिल्ली पुलिस ने जिलाअधिकारीको अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। पहले दिल्ली पुलिस की ओर से मजिस्ट्रेट जांच में सहयोग नहीं करने की खबरें आ रही थी। लेकिन नियमानुसार पुलिस को अपनी रिपोर्ट डीएम को देनी पड़ी। इस जांच रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि गजेंद्र सिंह की मौत दम घुटने से हुई। हालांकि, गजेंद्र की मौत के लिए दिल्ली पुलिस ने सीधे तौर पर किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के पेड़ पर चढने से गजेंद्र घबरा गया और उसके गमछे का फंदा कसता चला गया।
सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि गजेंद्र की मौत दम घुटने से हुई और शरीर पर कुछ खरोंच के निशान भी थे। पुलिस के मुताबिक गजेंद्र की मौत गले में गमछे का फंदा डालने के बाद दम घुटने से हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि गले में गमछे का फंदा पूरी तरह से कसे जाने का कोई निशान नहीं है लेकिन जितनी जोर से गमछे को बांधा था उससे गजेंद्र का दम घुटने लगा और उसकी मौत हो गई। जहां तक खरोंच का सवाल है तो जब गजेंद्र पेड़ से गिरा तब टहनियों से शरीर पर खरोंच के निशान बन गए। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया इतना जरुर कहा गया है कि जब आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता पेड़ पर चढे़ तब गजेंद्र घबरा गया और उसका गमछे का फंदा कसता चला गया।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आयोजित रैली के दौरान एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रैली में उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद थे। इस किसान की पहचान राजस्थान के रहने वाले गजेंद्र सिंह के रूप में हुई है। वह जंतर-मंतर पर आप नेताओं की मौजूदगी में पेड़ पर चढ़ गया और गमछे से खुद को फांसी लगा ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घटना होने के बाद भी जंतर-मंतर पर 20 मिनट तक भाषण देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने उस स्थान तक जाने की भी जहमत नहीं उठाई थी जहां मृत्यु के बाद गजेंद्र का बेजान शरीर गिरा था। इसके बाद से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हत्या के लिए उकसाने के आरोप भी लगे थे।