दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के प्रेसिडेंट परवेज और सचिव इलियास को कथित पीएफआई-शाहीन बाग लिंक के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि इलियास ने ही शाहीन बाग के लोगों को फंड उपलब्ध कराया था। इलियास दिल्ली के ही शिव विहार का रहने वाला है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दानिश नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। दानिश सीएए और एनआरसी के खिलाफ पोस्टर बांटने के साथ प्रोपेगेंडा फैला रहा था। इससे एक दिन पहले स्पेशल सेल ने कश्मीरी मूल के पति-पत्नी को जामिया नगर के ओखला विहार से गिरफ्तार किया था। दंपती को आईएस के अफगानी बेस्ड आतंकी संगठन से संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ और बरामद दस्तावेजों की छानबीन से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं। इसके बाद आईएस और पीएफआई के बीच की संपर्कों की कड़ी के तौर पर सुरक्षा एजेंसियां और स्पेशल सेल जांच कर रही हैं।
पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली दंगों को लेकर निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन, पीएफआई और कुछ अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और दंगों के लिए कथित तौर पर पैसा मुहैया करवाने का मामला दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने हुसैन, पीएफआई तथा अन्य के खिलाफ कथित धन शोधन तथा अवैध धन मुहैया करवाने के मामले की जांच के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई कुछ प्राथमिकियों का संज्ञान लिया।
120 करोड़ रुपए का धन कथित रूप से मुहैया कराने की जांच
पीएफआई के संदर्भ में, ईडी देश में सीएए के खिलाफ दंगों को भड़काने के लिए 120 करोड़ रुपए का धन कथित रूप से मुहैया कराने को लेकर पहले ही संगठन के खिलाफ जांच कर रहा है। एजेंसी पिछले एक पखवाड़े में इसके करीब आधा दर्जन पदाधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है। पीएफआई और कुछ अन्य संबंधित संगठनों के खिलाफ इस मामले की जांच 2018 ईसीआईआर के तहत की जा रही है, जो पुलिस प्राथमिकी के बराबर है।
पीएफआई ने हिंसा से संबंधों को नकारा
वहीं पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने कहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा में उसकी कोई भूमिका नहीं है। इस्लामी संगठन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके वित्तीय लेन-देन पारदर्शी हैं। पीएफआई ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार उसे बेवजह निशाना बना रही है।