जम्मू-कश्मीर को लेकर आज बेहद अहम दिन रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पीएम आवास लोक कल्याण मार्ग पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद और जम्मू-कश्मीर के अन्य नेता मौजूद रहे। इस बैठक को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार की राज्य के नेताओं के साथ वार्तालाप की सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, गुलाम अहमद मीर और तारा चंद, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह समेत अन्य कई नेता शामिल थे। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा केंद्र के अन्य कई अफसर भी उपस्थित रहे।
साल 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से यह केंद्र और जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं के बीच पहली बैठक रही।
दूसरी ओर बैठक को लेकर पूरे जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह सुरक्षा बंदोबस्त को पूरी तरह मजबूत बनाएं, क्योंकि आतंकी आम लोगों को भी निशाना बना सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार तक के हालात को अधिक संवेदनशील माना जा रहा था।