नई दिल्ली। पहले से चार-पांच दिन लेट मानसून की राह में अब चक्रवात बाधा बन सकता है। भारतीय मौसम विभाग अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र पर नजर बनाए हुए है। इसके गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है जिससे महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश हो सकती है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटना से मानसून की प्रगति प्रभावित होती है।
मौसम विभाग ने इसे अभी भी चक्रवाती तूफान नहीं बताया है लेकिन निजी मौसम भविष्यवाणी एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि दबाव गहरे दबाव में परिवर्तित हो चुका है और तेजी से मजबूत होता जा रहा है। इसमें चक्रवाती तूफान के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, नवीनतम उपग्रह चित्राें और निगरानी से पता चलता है कि पूर्वी और मध्य अरब सागर में दबाव का क्षेत्र बन चुका है और यह मुंबई से 690 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है। अनुमान है कि यह उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ेगा और अगले 24 घंटे में गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा।
महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के तटों पर 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंच रही हवाएं अगले 48 घंटे में 65 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएंगी। इस दौरान महाराष्ट, कोंकण और गोवा के तटों पर समुद्र में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। मौसम विभाग के उपनिदेशक कृष्णानंद होसालीकर ने कहा है कि वे दबाव की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। अभी यह कहना कठिन है कि इससे मानसून की प्रगति प्रभावित होगी या नहीं। कभी-कभी एेसे पैटर्न से मानसूनी हवाओं को ज्यादा नमी मिलती है और प्रगति में मदद मिलती है। लेकिन कई बार इससे मानसून की प्रगति प्रभावित होती है। पिछले वर्ष चक्रवाती तूफान नानुक ने अरब सागर में मानसून की प्रगति को प्रभावित किया था। पिछले साल मानसून 10 जून को मुंबई में आने वाला था लेकिन अंतत: यह 15 जून को पहुंचा था।