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बारिश होने के बावजूद देश के बड़े हिस्से में सूखे का संकट

लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बारिश होने के बावजूद देश के बड़े हिस्से में सूखे का संकट

इस साल मॉनसून के तीन महीनों में 2012, 14 व 15 की तुलना में अधिक बारिश हुई, लेकिन 2011 व 13 की तुलना में कम बारिश हुई। भारतीय मौसम विभाग के 641 में से 640 जिलों के उपलब्ध आंकड़ों से करीब 221 जिलों में चार महीने की मॉनसून अवधि के पहले तीन महीनों में कम बारिश हुई है। यदि सितम्बर में भी बारिश नहीं हुई तो देश के बहुत बड़े भू-भाग में हालात खराब हो सकते हैं।

खरीफ फसलों की बुआई अगस्त अंत तक 5 फीसदी अधिक हुई। इस दौरान भारत के आधे जिलों में औसत बारिश देखी गई। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी वित्त वर्ष 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि 18 अगस्त तक कुल बारिश दीर्घकालिक औसत स्तर से 9 फीसदी कम रही है। इसके कारण खरीफ फसलों की बुआई में 6.5 फीसदी की बढो़तरी हुई है।

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