दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट मामले में दिशा रवि के बाद अब उनकी करीबी मित्र निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है। वहीं खबरों के मुताबिक निकिता जैकब फरार हो गई है। निकिता जैकब द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट के खिलाफ ट्रांजिट बेल अर्जी दायर की गई।
एएनआई की खबरों के अनुसार हिंसा से पहले पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल ने अपने सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया। उनका उद्देश्य गणतंत्र दिवस से पहले एक ट्विटर पर आपत्तिजनक चीजे फैलाना था। गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले इनकी ज़ूम बैठक हुई थी, जिसमें मो धालीवाल, निकिता, दिशा और अन्य लोग शामिल थे।
पुलिस के अनुसार 11 जनवरी को निकिता जैकब के घर स्पेशल सेल की टीम सर्च करने पहुंची थी। टीम उनके घर फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच करने गई थी। देर शाम होने की वजह पूछताछ नहीं हो पाई। जिसके बाद स्पेशल सेल द्वारा जांच में शामिल होने के लिए निकिता से दस्तावेज पर साइन करवा लिए थे, इसके बाद निकिता फरार हो गई।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।
उन्होंने कहा कि दिशा को यहां की एक अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी जो इस मामले में संलिप्त हैं।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था। जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह ‘टूलकिट’ ट्विटर पर साझा की थी। दिल्ली पुलिस ने टूलकिट निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी।