तमिलनाडु में गुरुवार को होने वाले मतदान से ठीक दो दिन पहले आयकर विभाग की टीम ने डीएमके नेता कनिमोझी के घर छापेमारी की। छापेमारी के बाद आयकर विभाग को कुछ भी हाथ नहीं लगा। इस दौरान डीएमके समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया। वहीं कनिमोझी ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा उन्हें मौजूदा चुनाव में जीतने से नहीं रोक सकती।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया, ''स्थानीय प्रशासन की सूचना के बाद आयकर विभाग ने थुटूकुडी (तूतीकोरिन) जिले के कुरिंजी नगर में छापेमारी की। कनिमोझी इस दौरान मौजूद थीं और उन्होंने सहयोग किया। आयकर विभाग को कुछ भी नहीं मिला। तलाशी खत्म हो चुकी है।''
कथित तौर पर, यह आरोप लगाया गया था कि थुटूकुडी में उसके घर की पहली मंजिल पर "बहुत सारी नकदी" थी।
कनिमोझी ने भाजपा पर लगाए आरोप
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन की बहन और राज्यसभा सदस्य कनिमोझी तूतीकोरिन सीट से प्रत्याशी हैं। उन्होंने छापे को गैर लोकतांत्रिक और सुनियोजित भी कहा। कनिमोझी ने आगे कहा कि आयकर छापे में कोई भी दस्तावेज नहीं मिला जिसके खिलाफ वे मुझ पर कार्रवाई कर सकें। कनिमोझी ने कहा कि बीजेपी इस आयकर छापे के जरिए मेरी सफलता को रोक नहीं सकती है। उन्होंने कहा, "वे इसके माध्यम से हमें डराना चाहते हैं। वे थुटूकुडी में चुनाव रोकने आए हैं। डीएमके कार्यकर्ता अधिक उत्साह के साथ काम करेंगे।"
स्टालिन ने पूछा-भाजपा उम्मीदवार के घर छापे क्यों नहीं?
छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, "मुझे एक संदेश मिला कि कनिमोझी के परिसरों पर छापा मारा जा रहा है। भाजपा के उम्मीदवार तमिलिसाई सौंदराजन के परिसरों में करोड़ों रुपये रखे हुए हैं। वहां कोई छापे क्यों नहीं पड़े? कौन कार्रवाई करेगा? मोदी आयकर विभाग का इस्तेमाल करेंगे। मोदी चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए आईटी, सीबीआई, न्यायपालिका और अब चुनाव आयोग का उपयोग कर रहे हैं। वे ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें हार का डर है।''
स्टालिन ने कहा, "वे हारने के डर के कारण ऐसा कर रहे हैं।"
नकदी मिलने पर वेल्लोर में चुनाव हुआ रद्द
इससे पहले मंगलवार को ही तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा का चुनाव भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद रद्द कर दिया गया था। डीएमके उम्मीदवार के कार्यालय से कुछ दिन पहले कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी। जिला पुलिस ने डीएमके कैंडिडेट कातिर आनंद और पार्टी के दो अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। यह केस 10 अप्रैल को आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। आनंद के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने नामांकन पत्र में गलत जानकारी दी है। दो अन्य श्रीनिवासन और दामोदरन पर रिश्वत के आरोप हैं।