प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चे अब अपनी परीक्षाओं की तैयारी में लगे होंगे। उन्होंने कहा कि इसके कारण केवल घर में ही नहीं बल्कि पूरे मोल्लले में डर का माहौल बन जाता है जबकि जरूरत इस बात की है कि बच्चे ही नहीं बल्कि अभिभावक भी इसे त्योहार की तरह लें। इससे खुशी लें, तनाव नहीं। उन्होंने कहा, स्माइल मोर, स्कोर मोर। जब आप खुश होते हैं तो ज्यादा रिलैक्स होते हैं। इसलिए खुश होकर एक्जाम दीजिए। उन्होने कहा कि परीक्षा को जीवन-मरण का सवाल या जीवन में सब कुछ मत बनाइये। यही नहीं उन्होंने बच्चों से कहा कि अंकों के लिए नहीं बल्कि ज्ञान अर्जित करने के लिए पढ़ें। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से भी कहा कि अपनी अपेक्षाओं का बोझ बच्चों पर न लादें। उन्होंने कहा कि यह बोझ किताबों के बोझ से भी भारी हो जाता है।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने देश के तटरक्षक बलों की भी चर्चा की और कहा कि तटरक्षक बलों ने समुद्री सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ समुद्र की सफाई का काम भी किया। इसके लिऐ वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने एक फरवरी को इंडियन कोस्ट गार्ड दिवस की बधाई भी तटरक्षकों को दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक फरवरी को बसंत पंचमी की बधाई भी देश को दी है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग से मन की बात संबोधन को हरी झंडी दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर देश को संबोधित किया।