इस बातचीत में एक पत्रकार के सवाल में जवाब में प्रधानमंत्री ने इस बात से इनकार किया कि देश के विकास दर के आकड़े बढ़ा चढ़ाकर बताए जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि इस बारे में उनकी सरकार की नहीं तो कम से कम विश्व बैंक, आईएमएफ आदि की बातें तो सुनी जानी चाहिए जो सब भारत के विकास दर की तारीफ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस बार वह अपने कैबिनेट में फेरबदल नहीं कर रहे हैं बल्कि कैबिनेट का विस्तार कर रहे हैं। चर्चा के दौरान दौरान मौजूद एक पत्रकार के अनुसार, उन्होंने मंत्रिमंडल में होने वाले विस्तार के बारे में चर्चा की और कहा कि इसमें बजट की सोच और प्राथमिकताएं प्रदर्शित होंगी।
इस मुलाकात में उन्होंने ढाका आतंकी हमले समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। ढाका आतंकी हमले के बारे में उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस हमले की गहराई से जांच करें और सही तथ्य सामने रखें।
इस बातचीत के दौरान मौजूद एक पत्रकार ने अपने अखबार की वेबसाइट पर लिखा, ‘मोदी ने कहा कि न्यूनतम सरकार और अधिकतम सुशासन के चार बिन्दुओं के एजेंडा में आफिसों की फाइलों का तेजी से निपटारा करने, कारोबार के माहौल को सुगम बनाने, कैबिनेट नोट को अंतिम रूप देने का समय कम करने, सरकार के कामकाज के विषय शामिल होंगे।’
एक पत्रकार ने जब यह सवाल किया उनका विकास रोजगारविहीन विकास कहा जा रहा है तो मोदी ने कहा कि यह कहना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश भर में मॉल्स और खुदरा दुकानें 24 घंटे खोलने की नीति पूरी तरह लागू हो जाए तो खुदरा क्षेत्र में ही कितने रोजगार सृजित हो जाएंगे। उन्होंने कि रोजगार के मामले में विकास का नतीजा धीरे-धीरे दिखेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं अधिक रोजगार सृजित करने के लिए कार्मिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के पक्ष में हूं। उन्होंने कहा कि बैंक बोर्ड ब्यूरो स्वामित्व से प्रबंधन को अलग करने के एजेंट के रूप में काम करेगा।
मोदी ने कहा कि सब्सिडी सुधार पहले ही किरासन और यूरिया के रूप में आगे बढ़ाए जा चुके हैं। इसमें लीकेज को बंद किया गया है और नीम लेपित यूरिया के अधिक उत्पादन के साथ यूरिया की कमी की कोई शिकायत नहीं मिली है। मोदी ने कहा कि जन धन योजना के तहत 1,25,000 लाभार्थियों में 70 प्रतिशत महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।
ढाका आतंकी हमले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह हमें याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में पूरी दुनिया एकजुट हो। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि आतंकवाद को परिभाषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए जोर लगाया जाना चाहिए।